1.हस्ते चहरे के पीछे दर्द छुपाना सिख लिया है।
लोगो का काम हैं जख्म देना कुरेदना
हमने महर्म लगाना सिख लिया है।
अपनो ने तो छोड़ा ही किस्मत ने भी dokha Diya हैं
4.खाब आते हैं मुझे बहुत अजीब से
क्या मिलने लगे हो तुम रकीब से
मुझ जैसा चाहा सके तो बताना तुम
मैने देखा हैं लोगो को बहुत करीब से।
5.मिलेंगे जरूर ये शहर बहुत छोटा है
बरसो बाद मेरा मेहबूब आज घर लौटा हैं
तेरे दिल में बस जाऊ दिल तो मेरा भी करता है
पर सच कहूं जान तेरा दिल बहुत छोटा है।
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